भाजपा ने किया धमाका मप्र विधानसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ में शामिल होंगे | मध्य प्रदेश से बड़ी खबर शिवपुरी जिले से बीजेपी विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने दिया इस्तीफा बोले- सिंधिया के आने के बाद भाजपा की रीति-नीति ही बदल गई ग्वालियर, चंबल में कुचला जा रहा मूल कार्यकर्ताओं को | मुरैना में एक ही परिवार के 6 लोगों की गोली मारकर हत्या की | भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी 6 मई को हो सकते हैं कांग्रेस में शामिल |

सिंधिया-नाथ में फिर होगी जोर-आजमाईश..

सिंधिया-नाथ में फिर होगी जोर-आजमाईश..
राज-काज * दिनेश निगम ‘त्यागी’ 0 सिंधिया-नाथ में फिर होगी जोर-आजमाईश.... - प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एवं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले कांग्रेस में आमने - सामने थे, अब विरोधी दलों में होने पर फिर दोनों के बीच जोर-आजमाईस के हालात फिर बन रहे हैं। सिंधिया के कट्टर समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा 26 जनवरी को छिंदवाड़ा में ध्वजारोहण करने से ऐसी अटकलों को बल मिला है। भाजपा नेतृत्व की योजना है कि आने वाले चुनावों में कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में ज्योतिरादित्य मुकाबले में दिखाई पड़े और भाजपा उनके पीछे खड़ी होकर कमलनाथ को मात देने की इबारत लिखे। बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के एक चुनाव को अपवाद के तौर पर छोड़ दें तो कमलनाथ को शिकस्त देने की भाजपा की हर कोशिश नाकाम होती रही है। अब भाजपा सिंधिया के ग्लेमरस चेहरे को छिंदवाड़ा में कमलनाथ के खिलाफ भुनाना चाहती है। इसी योजना के तहत बुंदेलखंड के सिंधिया के खास मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को छिंदवाड़ा में गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण का दायित्व सौंपा गया। उन्हें छिंदवाड़ा जिले का प्रभारी मंत्री भी बनाया जा सकता है। सिंधिया की मर्जी के बगैर यह संभव नहीं। साफ है कि सिंधिया भी कमलनाथ के खिलाफ दो-दो हाथ आजमाने को आतुर हैं। इसका मतलब यह कतई नहीं कि ज्योतिरादित्य छिंदवाड़ा जाकर कमलनाथ के मुकाबले चुनाव लड़ेंगे। बिना चुनाव लड़े ही वे कमलनाथ के मुकाबले दिखाई पड़ सकते हैं। 0 नई कार्य संस्कृति लागू करने की ओर वीडी.... - वीडी शर्मा भाजपा के ऐसे पहले प्रदेश अध्यक्ष हैं, जो पार्टी में अपनी अलग लकीर खींचते नजर आ रहे हैं। पहले वे पार्टी के दिग्गजों को पछाड़कर प्रदेश भाजपा के मुखिया बनें। कार्यकारिणी में अपेक्षाकृत नए और युवा चेहरों को तरजीह दी। अब उनकी कोशिश पार्टी के काम में नई कार्य संस्कृति विकसित करने की है। पार्टी पदाधिकारियों को उन्होंने हिदायत दी है कि वे पोस्टर-बैनर और शक्ति प्रदर्शन की राजनीति से बचें। इसकी बजाय लोगों के बीच काम कर संगठन को मजबूत करने में ध्यान दें। प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पारासर ने इस पर अमल की शुरुआत की। ग्वालियर में उनके स्वागत मेें बड़ी तादाद में लगे पोस्टर-बैनर उन्होंने खुद खड़े होकर हटवाए। दूसरी तरफ भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाह ने वीडी शर्मा की बात पर ध्यान नहीं दिया। लाव-लश्कर के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुए वे पदभार ग्रहण करने भाजपा मुख्यालय पहुंच गए। जगह-जगह पोस्टर-बैनर भी लगे। इससे वीडी के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी नाराज हुए। भगत सिंह को फटकार लगी और दोनों नेता भोपाल में रहने के बावजूद उनके पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। स्पष्ट है कि वीडी नई कार्य संस्क्रति को लेकर गंभीर है। 0 गोपाल के खिलाफ यह कोई साजिश तो नहीं.... - प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य गोपाल भार्गव कद्दावर मंत्री हैं और पार्टी के कद्दावर नेता भी। सरकार बनने से पहले तक वे नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। इसलिए यह बात किसी के गले नहीं उतर रही कि गोपाल भार्गव को सागर में ध्वजारोहरण की जवाबदारी मिली और उनके जैसे नेता के लिए प्रोटोकॉल के पालन में अफसर लापरवाही बरतें। पर ऐसा हुआ। सागर के तीन कद्दावर नेता राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य हैं। इनमें से भार्गव को सागर में ध्वजारोहण के लिए चुना गया। इससे समर्थकों में उत्साह था लेकिन उनके नेता के लिए प्रोटोकॉल का पालन न करने की खबर ने उनका मजा किरकिरा कर दिया। इसके लिए पीडब्ल्यूडी के दो अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। पर क्या जवाबदार सिर्फ ये अफसर हैं, कलेक्टर और एसपी नहीं? हालांकि बाद में कलेक्टर, एसपी ने गढ़ाकोटा जाकर भार्गव के दरवाजे में दस्तक दी। क्या यह मामला इतना साधारण है, जैसा दिख रहा है। गोपाल भार्गव को नीचा दिखाने की साजिश तो नहीं हो रही, क्योंकि पहले वे पांच मंत्रियों के केबिनेट में जगह नहीं पा सके थे। उनके विभाग की तबादला सूची रोककर रखी गई है और अब यह माजरा। कहीं सोची समझी रणनीति के तहत उन्हें कमजोर तो नहीं किया जा रहा। 0 भाजपा नेताओं में छिड़ी युवा दिखने की होड़.... - भाजपा के अंदर जब से यह चर्चा फैली कि पार्टी में एक पीढ़ी के बदलाव का दौर चल रहा है, तब से कई नेताओं की चाल-ढाल, पोशाक-चेहरा सब बदला नजर आ रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा नेतृत्व मैसेज देने की कोशिश कर रहा है कि पार्टी में नए नेतृत्व को आगे लाया जा रहा है। युवाओं को तरजीह दी जा रही है। पहले प्रदेश अध्यक्ष के चयन में ऐसा हुआ। इसके बाद मंत्रिमंडल के गठन में और अब पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी से यही संकेत देने की कोशिश हुई। चर्चा चल पड़ी है कि आने वाले समय में निगम मंडलों में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों और प्रवक्ताओं के चयन में भी यह सिलसिला जारी रहने वाला है। इसका नतीजा है कि हमेशा कुरता-पायजामा में दिखने वाले विजेंद्र सिंह सिसौदिया जैसे वरिष्ठ नेता जींस-शर्ट पहनकर प्रदेश कार्यालय पहुंच गए। सिसोदिया तो एक उदाहरण हैं, पद की चाह रखने वाला हर नेता खुद को अपेक्षाकृत युवा दिखाने की कोशिश कर रहा है। प्रवक्ता बनने की कतार में बैठे नेताओं का लुक भी बदला नजर आ रहा है। युवा दिखाने में अपनी ऊर्जा खर्च करने वाले इन नेताओं के हाथ कुछ लगता है या हाथ मलते ही रह जाने वाले हैं, यह आने वाला समय बताएगा। 0 इतिहास को ढकने की कोशिश कितनी जायज.... - भाजपा नेताओं में नामकरण में बदलाव के जरिए इतिहास को ढकने की कोशिश की होड़ चल रही है। कोई कह रहा है, हलाली डेम और हलाली नदी का नाम इसलिए बदलना चाहिए क्योंकि यहां किसी आक्रांता ने राजाओं को बुलाकर कत्लेआम किया था। किसी का कहना है कि लालघाटी का नाम बदलना चाहिए क्योंकि यहां की धरती निर्दोषों के खून से लाल की गई थी। कोई ईदगाह हिल्स का नाम बदलने की मांग कर रहा है तो कोई हबीबगंज स्टेशन का। इसे लेकर नई बहस छिड़ गई है। भाजपा का तर्क है कि जो स्थान आक्रांताओं की याद दिलाते हैं, उनके नाम बदलना जरूरी है। कांग्रेस का कहना है कि नाम बदलने की बजाय काम पर फोकस करें। सवाल यह है कि आखिर इतिहास को ढकने की कोशिश क्यों? नई पीढ़ी को क्यों पता नहीं होना चाहिए कि किस दुराचारी ने क्या अपराध किया। इस बहस के बीच एक सामान्य व्यक्ति ने पते की बात कही, उन्होंने कहा कि जिन स्थानों के नाम आक्रांताओं, लुटेरों की यातनाओं से जुड़े हैं, इन स्थानों पर शिलालेख लगाकर बताया जाना चाहिए कि यहां किस आततायी ने क्या जघन्य अपराध किया था ताकि कोई उन्हें कभी न भूले और भविष्य में ऐसा करने की जुर्रत करने वालों को सबक सिखाया जा सके। ----------

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